आज तो काट लूँ किसी तरह मुसीबतों से भरे दिन ! आज तो काट लूँ किसी तरह मुसीबतों से भरे दिन !
पर किसी ने उसे नहीं बचाया,समाज आज भी क्यों मौन है, क्या कसूर था मेरी फूल -सी बच्ची का पर किसी ने उसे नहीं बचाया,समाज आज भी क्यों मौन है, क्या कसूर था मेरी फूल -सी...
एक अफसाना तुम्हें है सुनाना ऐ रात जरा बात तो सुन। एक अफसाना तुम्हें है सुनाना ऐ रात जरा बात तो सुन।
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....
वक्त के समन्दर से निकले कुछ पल ऐसे होते है, जो भुलाए नही भुलते। वक्त के समन्दर से निकले कुछ पल ऐसे होते है, जो भुलाए नही भुलते।